Skip to main content

तुम !

हौले से आकर जगा देते हो मुझे
ख्वाब में ही सही,उपस्थित दिखा देते हो तुम
तुम जो अरमान थे, तुम जो जीवन थे!



आज जो अभिशाप बन गये हो तुम
हौले से आकर कानों में कुछ कहते हो तुम
बुदबुदाते शब्द बनते जाते कहर!


उपर एक आसमां, क्या तलाशतें हो तुम
हौले से चैन छीन लेते हो तुम
झुठे ही सही ,तसल्ली दे जाते हो तुम !


तुम जो विश्वास थे, छल जो बन गये तुम
क्या करे अब परिभाषित, भुल जाओ तुम 
प्रेम जो सच था उसे खो  चुके तुम !
          _________

Comments

  1. vaakai sirf tum sach adbhut

    http/jyotishkishore.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. अभिव्यक्ति अच्छी है लेकिन इसे तराशने की ज़रूरत है ।कुछ अनावश्यक शब्द निकालकर देखिये इसका रूप निखर जायेगा ।

    ReplyDelete
  3. Shabd Chayan sunadar hai...Keep writing !!

    ReplyDelete
  4. बिना किसी लाग लपेट के की गई अभिव्यक्ति काफी सराहनीय है। अच्छा लगता है जब कोई दिल से लिखता है।

    ReplyDelete
  5. सीधी सादी और सच्ची रचना, सराहनीय प्रयास - शुभकामनाएं.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

गूंजते है सन्नाटो में ......!!

अब वो बात कहा, जो कभी थी  गूंजते है सन्नाटो में  कह्कशे जोरो से  थी मुकमल कोशिश बस ....!! गमगीन सी है महफ़िल तेरी  वक्त कभी ठहरता नहीं  इंतजार कितना भी करो  जो आज है वो कल न होगा  जो कल होगा उसका बारे  क्या जान सका कोई कभी .....!!! परदे लाख डाल लो  सच पंख पसारता ही है  फिर टूटते है मासूम दिल  लगती है तोहमते वफ़ा पर  अब यहाँ क्या पायेगा  लाशो और खंडरो में  अतीत को क्या तलाश पायेगा  रहा एक सदमा सही, पर  हुआ यह भी अच्छा ही   चल गया पता अपनों में गैरो का  सभी अपने होते तो गैर  कहा जाते  अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं  बस है सिसकियाँ...और वीरानिया  देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक   जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l

तुम ही तो हो !!

************ कहाँ जाऊ तेरी यादों से बचकर हर एक जगह बस तू ही है तेरा प्यार तेरा एकरार, तेरी तकरार हरदम मुझमें समाया है मेरी रूह में बस तेरा ही साया है, हमसफर बन साथ निभाना था बीच राह में ही छोड दिया तन्हा मुझकों दिन ढलते ही तेरी यादें मुझे घेर लेती है तू ही है हर जगह ............. हवायें भी यही कहती है क्यो लिया लबों से मेरा नाम जब मुझसे दूर ही जाना था | फिर हमसे न जीया जायेगा तेरे बिन जिन्दगी का जहर  न पीया जायेगा, मासूम है  यह दिल बहुत... हर लम्हा तूझे ही याद करता जायेगा | ##

मै तो खुशी का हमसाया हुं........

अपने गमो से कब तक भागोगे तुम एक दिन सब तुम्हारे पास आ ही जायेंगे, चीख कर कहेगे यह हम है जिनसे जिनसे तुम्हे बेपनाह प्यार है...........! खुशी को तुम कब तक तलाश करोगे देखों मै तुम्हारे करीब हूं फिर तुम मुझसे नाता क्यों तोडना चाहते हो,खुशी तो नकारा है.........! एक मै ही तो हूं जो तुम्हे घेरे रखता हूं वरना तो सभी रूसवा हो चले है दिल को तो समझा ही लेना  वह कब तक तुम्हे रोकेगा  एक दिन तो तुम्हे अपनाना ही होगा...... फिर कौन है इस दूनिया में तुम्हारा किसे अपना मानते, जानते हो कितने भोले हो, तुम खुशी के फरेब  को अब तक न समझ पाये ............... वही तो मुझे यहां ले आयी है उसका और मेरा तो बरसों पुराना साथ है ............ जहां खुशी जाती है मै छाया बन उसके पीछे -पीछे चलता हूं मै उसका साथ कभी नही छोडता  और तुम खुशी की तलाश में मुझको , सिर्फ मुझको पा लेते हो  अगर फिर तडपते हो, तो मेरा कहां  कसुर है मै तो बस.... खुशी का हमसाया हुं....................!!