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गूंजते है सन्नाटो में ......!!

अब वो बात कहा, जो कभी थी 
गूंजते है सन्नाटो में 
कह्कशे जोरो से 
थी मुकमल कोशिश बस ....!!
गमगीन सी है महफ़िल तेरी 
वक्त कभी ठहरता नहीं 
इंतजार कितना भी करो 
जो आज है वो कल न होगा 
जो कल होगा उसका बारे 
क्या जान सका कोई कभी .....!!!
परदे लाख डाल लो 
सच पंख पसारता ही है 
फिर टूटते है मासूम दिल 
लगती है तोहमते वफ़ा पर 
अब यहाँ क्या पायेगा 
लाशो और खंडरो में 
अतीत को क्या तलाश पायेगा 
रहा एक सदमा सही, पर 
हुआ यह भी अच्छा ही  
चल गया पता अपनों में गैरो का 
सभी अपने होते तो गैर  कहा जाते 
अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं 
बस है सिसकियाँ...और वीरानिया 
देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक  
जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l

Comments

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    Neeraj Kumar

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तुम ही तो हो !!

************ कहाँ जाऊ तेरी यादों से बचकर हर एक जगह बस तू ही है तेरा प्यार तेरा एकरार, तेरी तकरार हरदम मुझमें समाया है मेरी रूह में बस तेरा ही साया है, हमसफर बन साथ निभाना था बीच राह में ही छोड दिया तन्हा मुझकों दिन ढलते ही तेरी यादें मुझे घेर लेती है तू ही है हर जगह ............. हवायें भी यही कहती है क्यो लिया लबों से मेरा नाम जब मुझसे दूर ही जाना था | फिर हमसे न जीया जायेगा तेरे बिन जिन्दगी का जहर  न पीया जायेगा, मासूम है  यह दिल बहुत... हर लम्हा तूझे ही याद करता जायेगा | ##

गैरो ने तो फिर भी गले लगाया है.....

आस्तीन में है कुछ सांप  डसने को है हर दम तैयार  इनको सर उठाने न दो  एक बार जो उठ गये  इनका डसना जरूर है। दोस्तो दोस्ती जरूरी है पर आस्तीन के सांपों से बचना भी जरूरी है। बेगानो की इस दूनिया में विश्वास कहां से पायेंगे जो करोगे भरोसा धोखा भी तो खायेगे.........। भरोसा एक नियति है इससे कब तक बच पाआगे  मेरे अपने कहां अपने बन पाये है  गैरों ने तो फिर भी गले लगाया है..........।