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Showing posts from January, 2010

तुम हो हम है फिर साथ चलता है फासला..........।

तुम हो हम है फिर भी साथ चलता है फ़ासला सवाल बस सवाल बीच में एक भंवर सा डूबते उतरते तूफानों से घिर जाते है फडकती आंखे ,डर अन्जाना सा क्यों कश्ती को साहिल की दरकार नही शुष्क होठ, शबनम का कतरा नही मन करता उड चलुं आसमानों तक कैसे आसमां तो बहुत दूर है दिल तक जो पहूचं वो आवाज कहां है। किसको तलाशता है तूं प्यार एक फसाना है खामोशी से राह नही मिलती  चीखने से पुकार नही बनती सवाल बस सवाल बीच में एक भंवर सा तुम हो हम है फिर भी साथ चलता है फ़ासला.....................। 

दिल क्या चाहता है............।

दिल क्या चाहता है,यह चाहत से अन्जान है.............। आती हई बर्फीली हवाओ से पूछो तूफान का कोई पैगाम है क्या एक मोड जो छोड आये हम उस मोड से गुजरने का क्या इरादा है हसीन वादियों तारों के  टूटने का इन्तजार न करो  मांगू एक मुराद ऎसी  कोई ख्वाहिश तो नही दिल क्या चाहता है,यह चाहत से अन्जान है..........। सरगोशियां सी कानो में उसको आवाज न दों अरमान मचल गये तो  बहुत कोहराम मचायेगें बहारों को गुजर जाने दो ख्वाबों के जहां में जाने दो। दिल क्या चाहता है, यह चाहत से अन्जान है..............।

किसका चेहरा देखू तेरे चेहरे के बाद............।

किसका चेहरा देखूं तेरे चेहरा देख कर सजदा तूझे है मेरी हर ख्वाहिश के लिए नूर है तू ,इस जहां में कोई तेरे मुकम्मल नही.............। तेरे दम से कयामत है तेरे दम से दूनिया है मेरा तेरा कुछ नही रह जाना बस नाम तेरा किसका ओज है तेरे ओज सा..............................। किसका चेहरा देखू तेरा चेहरा देख कर वो कौन खुशनसीब है जो तेरा दीदार करता है हम तो बस ख्वाबों की दरकार करते है..................। तेरे दम से कलम स्याह होती है वरना मेरी कलम तो खाख है मेरे खुदा तू कब मुझे अपना अक्स दिखायेगा.......................? किसका चेहरा देखु तेरा चेहरा देख कर इन्तजार तेरा सिर्फ तेरा है तू मेरी जुस्तजू है सिर्फ आखिरी ख़्वाहिश है..............................।                        ..........................