मन से बोझिल है यह जहां सारा चंचल कितना है यह मन..... पल उडे ,पक्षी सी उडान पल में ठहरे यूं सागर सा मन से चलता ,यह संसार लडता है दिमाग ......... मन सा बावरा है क्या कोई घबराता कभी तो कभी होता बचैन कभी प्रफुल्लित तो, नही कही चिन्ता........ कभी मरघट तो कभी महफिल......... मन सा पागल कौन । लिखते कवि न जाने कितनी रचना मन की थाह लेना न आसान है यह रहस्य अनबूक्ष पहेली सा मन को पा सब को पा लो नही तो कौन जाने इस जग, जीवन में मन के मारो ने किये बडे बडे काम............।
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!