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Showing posts from January 27, 2013

शब्द बन जायेगे नश्तर........

यह न सोचा था  शब्द बन जायेगे नश्तर  कर देगे भीतर तक छलनी..       होगा उसका प्यार ही  पर मेरे लिए अभिशाप से कम नही  यह न सोचा था  रूला कर उसको ,हम भी हद से ज्यादा रोयेगे     होगा यह अन्दाजे जुदा उसका  पर मेरे लिए  कभी मान्य नही  यह न सोचा था तडपा कर तडपते रहेगे    होगा एक नया अफसाना यही पर मेरे लिए गमों की सौगात सही यह न सोचा था  यादों का सफर  बन जायेगा बेर्दद सफर     होगा वह मुझसे जुदा सही  पर मेरे लिए विराम नही..........