चटकते है शीशे तो आवाज़ आती है दिल टुटे तो खनक भी नही दस्तूर कैसा है यह इश्क का जिसे जिन्दगी कहो वही मौत का समान है, अपना लिया हर अन्दाज जिन्दगी का जीने के लिए यह क्यो कर जरूरी था वो कहता है साया हूं, है तो जुदा क्यों है? साये से कहो , दूर रहे नजदीकी का विलाप नही जुस्तजू है बस यह काई रूठे तो मना लेना कही ताउम्र फिर रोना न पडे पायलो की खनखन मिलती नसीबों से, किसी घुंघरू को टूटने न देना ।
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!