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Showing posts from June 4, 2010

टूटे दिल मुश्किल से जी पाये........

मुश्किल बहुत होता है खुद को संभालना जब बिखरते है ख्वाब टुटता है मंजर मुश्किल बहुत होता है खुद को रोका पाना पूरी होती है हसरते तमाम वक्त कभी ठहरता क्यों नही? चलता रहता है बस सबसे अन्जान मुश्किल बहुत होता दिल का संभलना टूटता है जब खिलौने की तरह ख्वाहिशे जगती ही क्यो अरमानो का दम घुटना तो .....एक दिन तय ही है न फिर रो कर रूसवाईयां ...कैसे समझे वो जो समझ कर भी अन्जान रहे मुशकिल बहुत होता है सबसे रूठना जो रूठे उन्हे कैसे मनाये मुश्किल है जीवन डगर इससे पार कैसे पाये मुश्किल ही सही संभालो दोस्तो टूटे दिल बडी मुश्किल से जी पाये............।