इंसान और इंसान की फितरत कितने अजीब है दोनो ही ? बहुतेरे रंग भर लगता गिरगट सा स्वाग रचता ढोंग की दूनिया बसाता इंसान और इंसान की फितरत कितने अजीब है दोनो ही ? पलभर में बना लेता गैरों को अपना भुला देता खुन के रिश्तों को लहु पानी बन बहता रगों में उजाड देता उसका ही चमन जिसने दिया उसको जनम इंसान और इंसान की फितरत कितने अजीब है दोनो ही ? अपनी बेबाकी से वो दिलों को जख्मी कर देता है जो भर न सके वो नासुर बना देता है रौंदा इसने प्रकृति को अपना आशियाना बना डाला कीमत जान की है बहुत सस्ती गर गरीब हो इन्सा कोई वही उसे मार डालता है . इंसान का इंसान अब रिश्ता खत्म जो हो चला है इंसान और इंसान की फितरत कितने अजीब है दोनो ही ................. ....।
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!