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Showing posts from January 26, 2010

तुम हो हम है फिर साथ चलता है फासला..........।

तुम हो हम है फिर भी साथ चलता है फ़ासला सवाल बस सवाल बीच में एक भंवर सा डूबते उतरते तूफानों से घिर जाते है फडकती आंखे ,डर अन्जाना सा क्यों कश्ती को साहिल की दरकार नही शुष्क होठ, शबनम का कतरा नही मन करता उड चलुं आसमानों तक कैसे आसमां तो बहुत दूर है दिल तक जो पहूचं वो आवाज कहां है। किसको तलाशता है तूं प्यार एक फसाना है खामोशी से राह नही मिलती  चीखने से पुकार नही बनती सवाल बस सवाल बीच में एक भंवर सा तुम हो हम है फिर भी साथ चलता है फ़ासला.....................।