कोई तो है जो कहे चलो चार कदम मेरे साथ इस दुनिया में वरना कहां अपनों को तलाश करे कैसे कहे जख्म कितने खाये है अजनबियों से कहो उन पर भरोसा कैसे करे हर कदम सोचे तो उठाये जिन्दगी को कह दो न इतराये कभी -कभी जिन्दगी भी साथ छोड देती है कौन है फिर अपना वो साया कही खुद की परछाइयाँ तो नही सच किसे मान लूं मै या मेरी परछाई कौन चलता है साथ-साथ तू ही तो एक अपनी है जो अन्त तक साथ निभायेगी वरना तो सबकुछ धुआं हो जायेगा न तुम होगे न कोई गम सताने वाला वो जो तन्हाई का सहारा है वही तो बस एक अपना है जग झूठा ,जीवन, जीने मरने का फेरा है मान लो मेरी बात सच कुछ नही बस एक सच है, जो आज है, वो कल न होगा...........।
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!