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Showing posts from January 14, 2010

दिल क्या चाहता है............।

दिल क्या चाहता है,यह चाहत से अन्जान है.............। आती हई बर्फीली हवाओ से पूछो तूफान का कोई पैगाम है क्या एक मोड जो छोड आये हम उस मोड से गुजरने का क्या इरादा है हसीन वादियों तारों के  टूटने का इन्तजार न करो  मांगू एक मुराद ऎसी  कोई ख्वाहिश तो नही दिल क्या चाहता है,यह चाहत से अन्जान है..........। सरगोशियां सी कानो में उसको आवाज न दों अरमान मचल गये तो  बहुत कोहराम मचायेगें बहारों को गुजर जाने दो ख्वाबों के जहां में जाने दो। दिल क्या चाहता है, यह चाहत से अन्जान है..............।