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Showing posts from February 1, 2013

उसकी बाते ..........

उसकी बाते बहार की बाते बहारों से कहो, रूको अभी.............। वह है मुकम्मल एक दास्तां, थोडी अधूरी है मुलाकात अभी जो समझा ही नही अभी तक वह प्यार को क्या समझेगा उसकी बाते रूकी-रूकी रहने दो ख्याल को रोको नही.............। बहुत कम है जिन्दगी बाकी जीने के लिए हर पल को बरस बनने दो। उसकी बाते बहार की बाते बहारों से कहो रूको अभी ...............।