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Showing posts from June 3, 2013

प्यार की भाषा..........!

बताते है प्रेम, प्यार की परिभाषा लोग बताते है सच्चा झूठा प्रेम ..................! क्या है , यह अभी तक तो समझ न आया है चाहत का दावा करने वाले धोखा ही देते है अपना  काम निकालने के लिए प्यार की भाषा अपनाते है................. बना दिया है व्यापार हर रिश्ते को अब तो रिश्तो में सोदागर का रेवेया नजर आता है सच्चा प्यार न कुछ चाहता, न फरियाद करता है अपने रहबर की ख़ुशी के लिए अपनी जान निसार  करता है ......................! मतलब का कारोबार अब तो प्यार बनता जा रहा है जो न पा सके किसी को उसकी जान का गुनाहगार बन जाता है डरते है प्यार के नाम से ही अब तो जो कहे की प्यार है वही दुश्मन नजर आता है...............! (pic.frm google)