धुंध- धुंध, धुआ- धुआ.........। जिन्दगी बढती गयी कांरवा चलता गया दूर तक खामोशी और साये आहटे बढती हौले हौले............। रफ्तार जो थमती नही आसुओ की रौ तन्हाईया शोर मचाती है। सारी परेशानियों का सबब ऎ दिल अब तो संभल बहके कदमों को संभाले चलते रहे बस चलते रहे...........। किसकों पुकारे इस राह पर देखो कितना अंधियारा है रफता रफता वक्त कटता गुम होता उजियारा.........। पुरवाई से कहो यहां न आये तेरा दर यहां से दूर है। दबे पांव मुस्कुराते है हौठं मुस्कुराहट बैरी है। धुंध-धुंध धुआ -धुआ ............. ...।
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!