बेटी हुं मै मांगती हूं..... जीने का अधिकार क्या मां तुम मुझे इस दूनिया में आने न दोगी ? क्या तुम कत्ल कर दोगी कोख में ? यह दूनिया तूझे जन्म लेने के बाद चैन से जीने नही देगी........ माना तूझे जन्म भी दे दुगी पाल भी लूगी लेकिन फिर अन्दर बाहर के भेडियों कैसे बचा पाउगी वह छलनी कर देगे तूझे छीन लेगे तूझसे जीने का अधिकार पल पल जीने के लिए सांस लेने के लिए कर देगे तूझे मोहताज..................! माना इनसे भी तूझे बचा अपने आंचल में छिपा चुपचाप पाल लुंगी .......पर मेरी गुडिया यह तो बता जब तूं सयानी होगी करने होगे मुझे तेरे हाल पीले ........ हर पल यह डर सतायेगा कोई ससुराल वाला बिना वजह कोई ताना तो न देगा क्या तूझे ................ रखेगा कलेजे से लगा जैसे मैने रखा माना तूझे इससे भी बचा लूगी लेकिन फिर अगर कभी रखेगी घर से बाहर कदम ................... कैसे विश्वास करू तू बच वापस भी आयेगी तेरी इज्ज्त तेरा मान बचा रह पायेगा बाहर कोई मां तो नही है जो तुझे बचा लेगी ................! ...
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!