जख्म अब हंसते है न जाने मुझसे क्या चाहते है। हंसी है लबों पर फीकी सी मायूसियो के दौर रहते है जिन्दगी को खेल समझा खिसकते पल हाहाकार करते है, थोडा ठहर जा वक्त अभी सांस तो ले लूं न बुलाओ मुझे चन्द लम्हे तो जी लूं क्या है फलसफा जब चाहो तो नही मिलता न चाहो तो सब कुछ पास तुम्हारे नियति तेरे खेल न्यारे तुने खुब ठगा है अब जख्म मुझ पर ही चिल्लाते .............है
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!