अब वो बात कहा, जो कभी थी गूंजते है सन्नाटो में कह्कशे जोरो से थी मुकमल कोशिश बस ....!! गमगीन सी है महफ़िल तेरी वक्त कभी ठहरता नहीं इंतजार कितना भी करो जो आज है वो कल न होगा जो कल होगा उसका बारे क्या जान सका कोई कभी .....!!! परदे लाख डाल लो सच पंख पसारता ही है फिर टूटते है मासूम दिल लगती है तोहमते वफ़ा पर अब यहाँ क्या पायेगा लाशो और खंडरो में अतीत को क्या तलाश पायेगा रहा एक सदमा सही, पर हुआ यह भी अच्छा ही चल गया पता अपनों में गैरो का सभी अपने होते तो गैर कहा जाते अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं बस है सिसकियाँ...और वीरानिया देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l
Emotion's यानि भावनायें क्या होती है?शायद एक अनदेखा एहसास जिसे कुछ महसुस करते है और कुछ नही कर पाते। जिनकी भावनायें होती है वो इन्सान होते है जिनकी नही वो क्या होते है पता नही..... !!
यूं ही प्यार तमाशा बनता जाता है ... बेगुनाह सजा पाते रहते हैं ..
ReplyDeleteगहरी बात ...
सुंदर पंक्तियाँ ..आप भी पधारो ..स्वागत है ...http://pankajkrsah.blogspot.com
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