अपने गमो से कब तक भागोगे तुम एक दिन सब तुम्हारे पास आ ही जायेंगे, चीख कर कहेगे यह हम है जिनसे जिनसे तुम्हे बेपनाह प्यार है...........! खुशी को तुम कब तक तलाश करोगे देखों मै तुम्हारे करीब हूं फिर तुम मुझसे नाता क्यों तोडना चाहते हो,खुशी तो नकारा है.........! एक मै ही तो हूं जो तुम्हे घेरे रखता हूं वरना तो सभी रूसवा हो चले है दिल को तो समझा ही लेना वह कब तक तुम्हे रोकेगा एक दिन तो तुम्हे अपनाना ही होगा...... फिर कौन है इस दूनिया में तुम्हारा किसे अपना मानते, जानते हो कितने भोले हो, तुम खुशी के फरेब को अब तक न समझ पाये ............... वही तो मुझे यहां ले आयी है उसका और मेरा तो बरसों पुराना साथ है ............ जहां खुशी जाती है मै छाया बन उसके पीछे -पीछे चलता हूं मै उसका साथ कभी नही छोडता और तुम खुशी की तलाश में मुझको , सिर्फ मुझको पा लेते हो अगर फिर तडपते हो, तो मेरा कहां कसुर है मै तो बस.... खुशी का हमसाया हुं....................!!
sundar bhav.
ReplyDeleteजख्म अब हंसते है
ReplyDeleteन जाने मुझसे क्या चाहते है।nice
जख्म अब हंसते है
ReplyDeleteन जाने मुझसे क्या चाहते है ...
जख्म बस दर्द देना जानते हैं और चाहते हैं की उस पर भी इंसान हँसे ..... बहुत अच्छा लिखा है ......
थोडा ठहर जा वक्त
ReplyDeleteअभी सांस तो ले लूं
नियति तेरे खेल न्यारे
अब जख्म मुझ पर ही चिल्लाते .............है
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ प्रस्तुत किया है आपने।
बेहतरीन। लाजवाब।
ReplyDelete"जख्म अब हंसते है"
ReplyDelete...
"चन्द लम्हे तो जी लूं"
अच्छे शब्द और भावनाएं - शुभकामनाएं
जख्म अब हंसते है
ReplyDeleteजख्म़ अब हम पर हंसते हैं......या कहें कटाक्ष करते हैं....