किसका चेहरा देखूं तेरे चेहरा देख कर
सजदा तूझे है मेरी हर ख्वाहिश के लिए
नूर है तू ,इस जहां में कोई तेरे मुकम्मल नही.............।
तेरे दम से कयामत है तेरे दम से दूनिया है
मेरा तेरा कुछ नही रह जाना बस नाम तेरा
किसका ओज है तेरे ओज सा..............................।
किसका चेहरा देखू तेरा चेहरा देख कर
वो कौन खुशनसीब है जो तेरा दीदार करता है
हम तो बस ख्वाबों की दरकार करते है..................।
तेरे दम से कलम स्याह होती है
वरना मेरी कलम तो खाख है
मेरे खुदा तू कब मुझे अपना अक्स दिखायेगा.......................?
किसका चेहरा देखु तेरा चेहरा देख कर
इन्तजार तेरा सिर्फ तेरा है
तू मेरी जुस्तजू है सिर्फ आखिरी ख़्वाहिश है..............................।
..........................
सजदा तूझे है मेरी हर ख्वाहिश के लिए
नूर है तू ,इस जहां में कोई तेरे मुकम्मल नही.............।
तेरे दम से कयामत है तेरे दम से दूनिया है
मेरा तेरा कुछ नही रह जाना बस नाम तेरा
किसका ओज है तेरे ओज सा..............................।
किसका चेहरा देखू तेरा चेहरा देख कर
वो कौन खुशनसीब है जो तेरा दीदार करता है
हम तो बस ख्वाबों की दरकार करते है..................।
तेरे दम से कलम स्याह होती है
वरना मेरी कलम तो खाख है
मेरे खुदा तू कब मुझे अपना अक्स दिखायेगा.......................?
किसका चेहरा देखु तेरा चेहरा देख कर
इन्तजार तेरा सिर्फ तेरा है
तू मेरी जुस्तजू है सिर्फ आखिरी ख़्वाहिश है..............................।
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बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteतेरे दम से कलम स्याह होती है
ReplyDeleteवरना मेरी कलम तो खाख है
मेरे खुदा तू कब मुझे अपना अक्स दिखायेगा.......................?
सार्थक बात।
सुनीता जी , थोडा हल्का फुल्का भी लिखें, तो और भी आनंद आएगा।
आपका सृजनात्मक कौशल हर पंक्ति में झांकता दिखाई देता है।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है ....... लाजवाब ........
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