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हे कृष्ण , हे गोपाल , हे माधव
किस नाम से पुकारू तुम्हे !
कान्हा , बांसुरी बैजया
देवकी नन्दन , हे कैन्हया
किस रूप में निहारू तुम्हे |
हे पालनहार , हे जगत के रखवाले
किस तरह पूँजू तुम्हे |
तुम्हे माता हो तुम्ही पिता हो
किस तरह रिश्तें में बाँधु तुम्हे |
हे मदनमुरारी , हे यशोदा के लाल
क्या कह प्रीत निभाऊ तुमसे
तुमसे जीवन की आस
तुम्हे खो कर जी न पांऊ मै |
हे कृष्ण , हे गोपाल ....
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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सुनीता शर्मा खत्री
©
हे कृष्ण , हे गोपाल , हे माधव
किस नाम से पुकारू तुम्हे !
कान्हा , बांसुरी बैजया
देवकी नन्दन , हे कैन्हया
किस रूप में निहारू तुम्हे |
हे पालनहार , हे जगत के रखवाले
किस तरह पूँजू तुम्हे |
तुम्हे माता हो तुम्ही पिता हो
किस तरह रिश्तें में बाँधु तुम्हे |
हे मदनमुरारी , हे यशोदा के लाल
क्या कह प्रीत निभाऊ तुमसे
तुमसे जीवन की आस
तुम्हे खो कर जी न पांऊ मै |
हे कृष्ण , हे गोपाल ....
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सुनीता शर्मा खत्री
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बहुत सुन्दर प्रार्थना स्वरुप कान्हा सन्मुख ..
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद |
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