एक सवाल मन में
आता है कभी-कभी
जिन्दगी इतनी
दूर क्यों भागती है
जब कोशिश करू
छिटक देती है दामन
बिखर जाते है
हर ख्वाब मेरे
जो बस रह गये बाकी
जीने की हजार
वजहे पर सामने
आ जाती है.........
एक तूझे ही प्यार
क्यों है मुझसे
दो चार पल
होते है खुशी के मयस्सर
रच देती है
अपना चक्रव्यूह
बेबस सी निगाहे
ताकती रह जाती है............
रह जाते है बस सवाल दर सवाल...........!
आता है कभी-कभी
जिन्दगी इतनी
दूर क्यों भागती है
जब कोशिश करू
छिटक देती है दामन
बिखर जाते है
हर ख्वाब मेरे
जो बस रह गये बाकी
जीने की हजार
वजहे पर सामने
आ जाती है.........
एक तूझे ही प्यार
क्यों है मुझसे

होते है खुशी के मयस्सर
रच देती है
अपना चक्रव्यूह
बेबस सी निगाहे
ताकती रह जाती है............
रह जाते है बस सवाल दर सवाल...........!
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