जीवन धारा: कहां सुरक्षित है महिलाएं......?: कहां सुरक्षित है महिलाएं...............................? दिल्ली में चलती बस में युवती के साथ हुए घिनौने दुष्कर्म की घटना ने सभी को डरा ...
अब वो बात कहा, जो कभी थी गूंजते है सन्नाटो में कह्कशे जोरो से थी मुकमल कोशिश बस ....!! गमगीन सी है महफ़िल तेरी वक्त कभी ठहरता नहीं इंतजार कितना भी करो जो आज है वो कल न होगा जो कल होगा उसका बारे क्या जान सका कोई कभी .....!!! परदे लाख डाल लो सच पंख पसारता ही है फिर टूटते है मासूम दिल लगती है तोहमते वफ़ा पर अब यहाँ क्या पायेगा लाशो और खंडरो में अतीत को क्या तलाश पायेगा रहा एक सदमा सही, पर हुआ यह भी अच्छा ही चल गया पता अपनों में गैरो का सभी अपने होते तो गैर कहा जाते अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं बस है सिसकियाँ...और वीरानिया देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l
Comments
Post a Comment