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Merry Chirstmas

wish u a Merry Chirstmas 
           wish u a Merry Chirstmas
                        &
wish u a happy new year
wish u all the things u need in your life
wish u all the blessings ,that u always wanted.

Comments

  1. एक नई सुबह की ओर , वर्ष के जाते ये पल आप को भी मुबारक हों ।
    शुभकामनायें सुनीता जी ।

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  2. Merry christmas & Happy New year to you too.

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तुम ही तो हो !!

************ कहाँ जाऊ तेरी यादों से बचकर हर एक जगह बस तू ही है तेरा प्यार तेरा एकरार, तेरी तकरार हरदम मुझमें समाया है मेरी रूह में बस तेरा ही साया है, हमसफर बन साथ निभाना था बीच राह में ही छोड दिया तन्हा मुझकों दिन ढलते ही तेरी यादें मुझे घेर लेती है तू ही है हर जगह ............. हवायें भी यही कहती है क्यो लिया लबों से मेरा नाम जब मुझसे दूर ही जाना था | फिर हमसे न जीया जायेगा तेरे बिन जिन्दगी का जहर  न पीया जायेगा, मासूम है  यह दिल बहुत... हर लम्हा तूझे ही याद करता जायेगा | ##

गूंजते है सन्नाटो में ......!!

अब वो बात कहा, जो कभी थी  गूंजते है सन्नाटो में  कह्कशे जोरो से  थी मुकमल कोशिश बस ....!! गमगीन सी है महफ़िल तेरी  वक्त कभी ठहरता नहीं  इंतजार कितना भी करो  जो आज है वो कल न होगा  जो कल होगा उसका बारे  क्या जान सका कोई कभी .....!!! परदे लाख डाल लो  सच पंख पसारता ही है  फिर टूटते है मासूम दिल  लगती है तोहमते वफ़ा पर  अब यहाँ क्या पायेगा  लाशो और खंडरो में  अतीत को क्या तलाश पायेगा  रहा एक सदमा सही, पर  हुआ यह भी अच्छा ही   चल गया पता अपनों में गैरो का  सभी अपने होते तो गैर  कहा जाते  अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं  बस है सिसकियाँ...और वीरानिया  देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक   जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l

आखिर कब तक सहूंगी......भाग दो

घरेलू हिंसा जो मुद्दा मैने उल्टा तीर पर उठाया किन्ही अपरिहार्य कारणो की वजह से उस ब्लाग पर नही पोस्ट कर रही हूं मैने आखिर कब तक संहूगी    शीर्षक से लिखी पोस्ट में मैने घरेलू हिसां के कारणो व प्रवृत्तियों पर लिखा जिसमें यह लिखा कि किस तरह घरेलू हिंसा का शिकार व्यक्ति अपने काम पर भी ध्यान नही दे पाता किस तरह घरों में रिश्तों के दौरान हिंसा पनपती है। जहां तक मै समझती हूं कोई रिश्तों तब हिंसक हो उठता है जब उसे यह लगता है दूसरे को उसकी कोई परवाह नही जब पत्नियां पति पर हावी होने की कोशिश करे उसके परिवार की इज्जत न करे व उसे पलट कर जवाब दे पति की अनदेखी आथिर्क तंगी पति या पत्नी का अन्यत्र रूचि लेना। इसी तरह  काई महिला भी परिवार भी तभी हिसंक होती है जब उसकी उपेक्षा हो या उसका व्यवहार ही इस तरह का हो, दंबग होना अपना रोब व परिवार में अपनी तानाशाही चलाना ,किसी भी व्यक्ति के हिंसक होने के पीछे वो मनोवेग भी कारण होते है जिन से वह आये दिन गुजरता है ,सबसे अहम रोल होता है माहौल का जिससे बच्चे ,बूढे ,रूत्री पुरूष सभी ...