खत्म होते रिश्ते को जिन्दा कैसे करू
जो रूठा है उसे कैसे मना पाउ
कहुं कैसे तू कितना अजीज है
सबका दुलारा प्यारा भाई है
याद आते वो दिन जब
पहली बार तू दूनिया मे आया
हम सबने गोद में उठा
तूझे प्यार से सहलाया
रोते रोते बेदम तूझ नन्हे बच्चे को
मां के कपडे पहन मां बन तूझे बहलाया
कैसे बचपन भूल गया
आज बडा हो गया कि
बहनों का प्यार तौल गया
सौदा करता बहनों से अपनी
अन्जानी खुशियो का
वह खुशियां जो केवल
फरेब के सिवा कुछ भी नही
जख्मी रिश्ते पर कैसे मरहम लगाउ ।
आंखे थकती देख राहे तेरी
पर नही पसीजता पत्थर सा दिल तेरा
बैठा है दरवाजे पर कोई हाथ में लिए
राखी का एक थागा, आयेगा
भाई तो बाधूगी यह प्यार का बंधन
वह जो बंधन से चिढता है
रिश्तों को पैसो से तौलता है
आया है फिर राखी का त्यौहार
फिर लाया है साथ में
टूटे रिश्तों की खनक.....................।
जान लो यह धागा अनमोल है
प्यार का कोई मोल नही
इस पवित्र रिश्ते सा दूनिया में रिश्ता नही ................।
.....................
जो रूठा है उसे कैसे मना पाउ
कहुं कैसे तू कितना अजीज है
सबका दुलारा प्यारा भाई है
याद आते वो दिन जब
पहली बार तू दूनिया मे आया
हम सबने गोद में उठा
तूझे प्यार से सहलाया
रोते रोते बेदम तूझ नन्हे बच्चे को
मां के कपडे पहन मां बन तूझे बहलाया
कैसे बचपन भूल गया
आज बडा हो गया कि
बहनों का प्यार तौल गया
सौदा करता बहनों से अपनी
अन्जानी खुशियो का
वह खुशियां जो केवल
फरेब के सिवा कुछ भी नही
जख्मी रिश्ते पर कैसे मरहम लगाउ ।
आंखे थकती देख राहे तेरी
पर नही पसीजता पत्थर सा दिल तेरा
बैठा है दरवाजे पर कोई हाथ में लिए
राखी का एक थागा, आयेगा
भाई तो बाधूगी यह प्यार का बंधन
वह जो बंधन से चिढता है
रिश्तों को पैसो से तौलता है
आया है फिर राखी का त्यौहार
फिर लाया है साथ में
टूटे रिश्तों की खनक.....................।
जान लो यह धागा अनमोल है
प्यार का कोई मोल नही
इस पवित्र रिश्ते सा दूनिया में रिश्ता नही ................।
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रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की याद में सुंदर रचना बधाई
ReplyDeleteसंवेदनात्मक प्रस्तुति।
ReplyDeleteआने वाले रक्षाबंधन के पावन पर्व के उपलक्ष में एक बहुत मार्मिक रचना ।
ReplyDeleteभाई बहन का रिश्ता तो अटूट होता है । फिर कैसे कोई भाई रूठ सकता है ।
आज लगता है सारे रिश्ते बस तुल ही रहे हैं ....बहुत मार्मिक रचना ...
ReplyDeleteरक्षाबंधन की शुभकामनायें
बैठा है दरवाजे पर कोई हाथ में लिए
ReplyDeleteराखी का एक थागा, आयेगा
भाई तो बाधूगी यह प्यार का बंधन
वह जो बंधन से चिढता है
sundar abhivyakti, aur bhaion ke liy ebehno ka
ek sandesha bhi
badhai,
संबंधों की डोर धागों से पक्के नहीं होते...ये तो अंतर्मन से जुड़े हों तो होते हैं,न हो तो नहीं होते..
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव लिए कविता |बधाई
ReplyDeleteआशा
बहुतर मार्मिक ... एक बहन के टूटे दिल से निकली सदा ....
ReplyDeleteइस पवित्र बंधन को भुलाने वाले इंसान नही होते ....
nice ....
ReplyDeleteA Silent Silence : Dhalti Shaam Ka Surmai Sa Andhera..(ढलती शाम का सुरमई सा अँधेरा..)
Banned Area News : Mano Ya Na Mano 2 Brings Two Mind Boggling Tales
bahut accha likha h apne
ReplyDeletem bhi blog ikhti hu aap ek bar dekh le
link h
www.deepti09sharma.blogspot.com