जिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया
नफरत और गम
इसके सिवा कुछ न दिया ?
वक्त तूं कब तक मेरा इम्तहान लेगा
तेरे सबब का कही तो अन्त होगा
रूसवा करे मुझे जमाना
के वफा करने वाले के हिस्से ,
सिर्फ यही एक सौगात आती है
जिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया
उलझन और परेशानी ?
इसके सिवा कुछ न दिया
मोड दो वक्त की धारा को
कह देना होता है आसान
सितम पर सितम
तमन्नाओ की ख्वाहिशों की कीमत क्या होती है
जिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया
ताउम्र का दर्द
इसके सिवा कुछ न दिया...................।
नफरत और गम
इसके सिवा कुछ न दिया ?
वक्त तूं कब तक मेरा इम्तहान लेगा
तेरे सबब का कही तो अन्त होगा
रूसवा करे मुझे जमाना
के वफा करने वाले के हिस्से ,
सिर्फ यही एक सौगात आती है
जिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया
उलझन और परेशानी ?
इसके सिवा कुछ न दिया
मोड दो वक्त की धारा को
कह देना होता है आसान
सितम पर सितम
तमन्नाओ की ख्वाहिशों की कीमत क्या होती है
जिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया
ताउम्र का दर्द
इसके सिवा कुछ न दिया...................।
आपने दिल के जज्बातों को शब्दों में उतारने की अच्छी कोशिश की है .
ReplyDeleteसच है जिंदगी बस दर्द ही देती है .... पर फिर भी जिंदगी हसीन है .....
ReplyDelete.... आपको महा-शिवरात्रि की बहुत बहुत बधाई .....
रचना अच्छी लगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद् - जीवन के एक पहलू दर्शाने का सार्थक प्रयास - शुभकामनाएं
ReplyDeletejindgi ko dekhne ka najariya badaliye
ReplyDeletepositive thinking aapko bhi khush rakhegi aur hme bhi
waise poem dardili hai
अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।बधाई।
ReplyDeleteदर्द और प्यार दोनों पहलूँ है जिंदगी के बस इसी के साथ जीना ही तो जिंदगी है..बढ़िया अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteजिंदगी में उतार चढ़ाव होते ही हैं।
ReplyDeleteएक रूप का मार्मिक वर्णन।
जज्बातों को खूबसूरती से लिखा है...
ReplyDeleteजिन्दगी ने जिन्दगी को क्या दिया.............कभी एक टीस उठती है जब सोचते है शिदृत से तो यही नही जान पाते जिन्दगी को जिन्दगी से क्या मिला।सभी के कमेंट का अभार प्रकट करती हूं सही कहा है यह सब मनोभाव है कभी सकारात्मक तो नकारात्मक पर जब रिशतों में ईमानदारी न हो स्वार्थ हो तो बहुत बुरा लगता है पर कभी किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता..........
ReplyDeleteअपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।बधाई।
ReplyDeletePEHLI BAAR BLOG PAR AAYA HOON BADHIYA LAGA...
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