जहां होते हो ख्वाव सच
एक ऎसी दूनिया कहां पाआगे
हर चेहरा हो मुस्कुराता
नही गम सिर्फ खुशियों का समुन्दर
इस जहां में तो मुमकिन नही
करे उम्मीद या मागें दुआ
ऎसी ख्वाहिशें सिर्फ ख्वाहिशे ही होती है ।
क्या सोच यह जहां बनाया गया होगा
क्या उसे अपनी इबादत पर
नही रहा भरोसा
इस विश्वास की परीक्षा लेता
रहा हर बार...हर बार....!
करते है अलविदा जाने कहां
हो जाते है गुमशुदा तलाशों
कितना भी वो नही मिलते
जो लगते है सबसे अच्छे।
हम रोते है हंसते है
फिर नाचते है जैसे नचाना चाहे वो
पर नही उसे अपनी दूनिया को
थोडा तो बदलना होगा कब तक
कहेगे बस अब नही देगे इम्तहां.........................!
एक ऎसी दूनिया कहां पाआगे
हर चेहरा हो मुस्कुराता
नही गम सिर्फ खुशियों का समुन्दर
इस जहां में तो मुमकिन नही
करे उम्मीद या मागें दुआ
ऎसी ख्वाहिशें सिर्फ ख्वाहिशे ही होती है ।
क्या सोच यह जहां बनाया गया होगा
क्या उसे अपनी इबादत पर
नही रहा भरोसा
इस विश्वास की परीक्षा लेता
रहा हर बार...हर बार....!
करते है अलविदा जाने कहां
हो जाते है गुमशुदा तलाशों
कितना भी वो नही मिलते
जो लगते है सबसे अच्छे।
हम रोते है हंसते है
फिर नाचते है जैसे नचाना चाहे वो
पर नही उसे अपनी दूनिया को
थोडा तो बदलना होगा कब तक
कहेगे बस अब नही देगे इम्तहां.........................!
हम रोते है हंसते है
ReplyDeleteफिर नाचते है जैसे नचाना चाहे वो
पर नही उसे अपनी दूनिया को
थोडा तो बदलना होगा कब तक
कहेगे बस अब नही देगे इम्तहां....
....बहुत गहन चिंतन...सुंदर अभिव्यक्ति...
गहन भावों का समोवश
ReplyDeleteसार्थक व सटीक प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर रचना । कई अहसास छिपे हैं इसमें ।
ReplyDeleteलेकिन आप लिखती बहुत कम हैं ।
इस रचना पर टिप्पणी करने के लिए सभी का बहुत धन्यवाद ,कम लिखने का कारण कभी वक्त की कमी तो कभी जब मन करता है तभी कीबोर्ड पर हाथ चलते है कोशिश रहेगी ज्यादा लिखने की । अन्य ब्लाग पर आप विजट कर सकते है । कमेंट मिलने से हौसला व मार्गदर्शन मिलता है।धन्यवाद।
ReplyDeleteजीवनधारा http://chittachurcha.blogspot.com
गंगा के करीब http://sunitakhatri.blogspot.com
जहां होते हो ख्वाव सच
ReplyDeleteएक ऎसी दूनिया कहां पाआगे
हर चेहरा हो मुस्कुराता
नही गम सिर्फ खुशियों का समुन्दर
इस जहां में तो मुमकिन नही ...
कोशिश करी जाय तो इस दुनिया में भी मुमकिन है ये सब ... अच्छी प्रस्तुति ...