अब वो बात कहा, जो कभी थी
गूंजते है सन्नाटो में
कह्कशे जोरो से
थी मुकमल कोशिस बस ....!!
गमगीन सी है महफ़िल तेरी
वक्त कभी ठहरता नहीं
इंतजार कितना भी करो
जो आज है वो कल न होगा
जो कल होगा उसका बारे
क्या जान सका कोई कभी .....!!!
परदे लाख डाल लो
सच पंख पसारता ही है
फिर टूटते है मासूम दिल
लगती है तोहमते वफ़ा पर
अब यहाँ क्या पायेगा
लाशो और खंडरो में
अतीत को क्या तलाश पायेगा
रहा एक सदमा सही, पर
हुआ यह भी अच्छा ही
चल गया पता अपनों में गैरो का
सभी अपने होते तो गैर कहा जाते
अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं
बस है सिसकियाँ...और वीरानिया
देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक
जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l
गूंजते है सन्नाटो में
कह्कशे जोरो से
थी मुकमल कोशिस बस ....!!
गमगीन सी है महफ़िल तेरी
वक्त कभी ठहरता नहीं
इंतजार कितना भी करो
जो आज है वो कल न होगा
जो कल होगा उसका बारे
क्या जान सका कोई कभी .....!!!
परदे लाख डाल लो
सच पंख पसारता ही है
फिर टूटते है मासूम दिल
लगती है तोहमते वफ़ा पर
अब यहाँ क्या पायेगा
लाशो और खंडरो में
अतीत को क्या तलाश पायेगा
रहा एक सदमा सही, पर
हुआ यह भी अच्छा ही
चल गया पता अपनों में गैरो का
सभी अपने होते तो गैर कहा जाते
अब तन्हाई में ख़ुशी का दीप जलता नहीं
बस है सिसकियाँ...और वीरानिया
देखना है वफाएचिराग जलेगा कब तलक
जो था गम अब उसकी भी परवाह नहीं..... l
Dear Ma'am,
ReplyDeleteI want to make this comment to inform you...
"I believe you remember my blog you have been following since ages- kavita-knkayastha.blogspot.com"
That I am consolidating my all blogging activities on www.stronglyours.in.
I HOPE you will visit the blog "Strongly Yours" and motivate as before.
Regards!
Neeraj Kumar
I will visit your blog, thank you.
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